मुझे अकेले पन से डर लगता है, मुझे अंधेरों से डर लगता है !
मुझे दुश्मनों से नहीं पर अपनों से विराना होने का डर लगता है !!
कहने को सबकुछ है पर अपनों को अपना कहते डर सा लगता है !!!
जो लोग कभी अपने थे उनको अपनाने का डर सा लगता है !!!!
जिन्हें कभी रंगों से रंगता था उनको अब रंग लगाते डर सा लगता है !!!!!
Tuesday, March 2, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment